भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए एक ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की है,
जो इस सेगमेंट को एक नया मोड़ दे सकती है।
यह गाइडलाइन आधुनिक पेमेंट इकोसिस्टम को बेहतर बनाने का प्रयास है, जिसमें बैंकिंग और डिजिटल मुद्रा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
पेमेंट एग्रीगेटर्स एक महत्वपूर्ण अंग हैं डिजिटल पेमेंट सिस्टम के। ये न केवल विभिन्न वित्तीय लेन-देन को संभालते हैं, बल्कि ये व्यापारियों को भी अनेक पेमेंट ऑप्शन्स उपलब्ध कराते हैं। RBI के इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इन पेमेंट एग्रीगेटर्स का उपयोग उपभोक्ताओं को सुगमता और सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है।
डिजिटल पेमेंट सिस्टम के इस उत्कृष्टीकरण में, पेमेंट एग्रीगेटर्स के भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। इनकी मदद से, व्यापारी अपने ग्राहकों को अनेक विभिन्न पेमेंट विकल्प प्रदान कर सकते हैं, जिससे उनकी सुविधा में वृद्धि होगी।
इस नई गाइडलाइन के अनुसार, RBI ने पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए कई नियमों और निर्देशों को स्पष्ट किया है। ये निर्देश एक ओर इस सेगमेंट को नियंत्रित करते हैं, जबकि दूसरी ओर उसे विकास की दिशा में प्रेरित करते हैं।
इस ड्राफ्ट गाइडलाइन के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर्स को एक समय में केवल एक बैंक या नॉन-बैंक एग्रीगेटर बनने की अनुमति होगी।
इससे पहले, कुछ एग्रीगेटर्स ने एक साथ कई बैंक या नॉन-बैंक का समर्थन किया था। यह प्रक्रिया अब बंद कर दी गई है ताकि एक समय में केवल एक प्रमुख प्रदाता हो।
इसे लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है क्योंकि इसकी शर्तों और नियमों का पालन किया जाएगा। गाइडलाइन का पालन करने के लिए, एग्रीगेटर्स को विभिन्न पूंजीपतियों और संस्थानों के साथ निर्माण करने के लिए बाहरी निकायों के साथ काम करना होगा।
यह गाइडलाइन भी इस बात का ध्यान रखती है कि पेमेंट एग्रीगेटर्स को उनकी गतिविधियों को निगरानी के लिए नियमित रूप से लाइसेंस की आवश्यकता होगी। यह लाइसेंस उनके काम की गुणवत्ता और सुरक्षा की गारंटी करने में मदद करेगा।
पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए इस नई गाइडलाइन का पालन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस सेगमेंट को अधिक निष्पक्ष और नियंत्रित बनाए रखने में मदद करेगा। यह उन्हें बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा और उनके उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प प्रदान करेगा।
विभिन्न वित्तीय लेन-देन के बावजूद, पेमेंट एग्रीगेटर्स का काम काफी जटिल हो सकता है।
उन्हें अपने ग्राहकों को उनकी पसंदीदा पेमेंट विकल्प्स प्रदान करने के लिए विभिन्न पूंजीपतियों के साथ मिलकर काम करना पड़ता है। इसके अलावा, उन्हें सुरक्षा और निगरानी के निर्देशों का पालन करना होता है, जिससे उनके सिस्टम में किसी भी प्रकार का गड़बड़ी का खतरा न हो।
इस नए गाइडलाइन के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर्स को अपनी सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने के लिए अपने सिस्टम में कई सुरक्षा के प्रमाण पत्रों को शामिल करने की आवश्यकता होगी। इससे उनके ग्राहकों को एक आत्मविश्वासपूर्ण और सुरक्षित अनुभव मिलेगा।
इस नए प्रणाली के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर्स को अपनी सेवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारी स्वीकारने की आवश्यकता होगी। वे अपने ग्राहकों की निजी जानकारी की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे और किसी भी प्रकार के गलत उपयोग से उन्हें बचाने के लिए उचित सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाएंगे।
यह नई गाइडलाइन डिजिटल पेमेंट सिस्टम को एक नई ऊँचाई पर ले जा सकती है। यह न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित बनाए रखेगी, बल्कि यह भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी। इस नई गाइडलाइन के पालन से, पेमेंट एग्रीगेटर्स भारतीय बाजार में एक नया दौरा ले सकते हैं
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— Dainik Jagran (@JagranNews) April 17, 2024
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