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Know, from daily wage labor to Padmashree: Here you will find the unheard story of Darshanam Mogilaiya

जिंदगी की कुछ क्षणों में वह अल्हड़पन और चमकती चमक, जो हमारी आँखों को भांप लेती है,

Know, from daily wage labor to Padmashree: Here you will find the unheard story of Darshanam Mogilaiya


और कुछ मुलायम और विचारशील लम्हों में, जो हमारे मन को चुनौती देती है।

दर्शनम मोगिलैया, जो कभी पद्मश्री से सम्मानित किए गए, एक ऐसे कलाकार हैं जिनकी कहानी और साहस हर बार हमें विचलित कर देते हैं।

उनकी तस्वीरें और वीडियो अब सामने आ रहे हैं, जिनमें उन्हें दिहाड़ी मजदूरी करते हुए दिखाया गया है। क्या यह सच है? क्या वास्तव में एक पद्मश्री पुरस्कार विजेता ने इस स्तर तक की संघर्ष की है? यह सवाल हमें सोचने पर मजबूर करता है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक सरकार ने उन्हें सम्मान के तौर पर 1 करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन क्या यह सम्मान था वास्तव में उनकी भूमिका और कला के प्रति एक समर्थन या एक मात्र आँकड़ा? क्या यह एक उपहार था या फिर एक आत्मनिर्भरता का संकेत?

इस संदेश को लेकर, दर्शनम मोगिलैया के लिए समय का परिणाम कैसा रहा? क्या यह सचमुच एक पद्मश्री पुरस्कार विजेता के साथ उच्चतम स्तर का गर्व था, या फिर यह एक आध्यात्मिक और सामाजिक उपकार का वास्तविक परिणाम था?

हमें यह निश्चित करने की आवश्यकता है कि क्या हमारी समाज में कला और श्रम का महत्व वास्तव में समझा जाता है या नहीं। क्या हम सिर्फ शो और लक्ष्यों की दिशा में ही चलते रहते हैं

या हम कला की सहीमान और सच्चाई को समझते हैं?

यह दर्शाता है कि जीवन की असलियत क्या है। क्या वास्तव में विश्वास करने योग्य है या हमें बस छवियों में ध्यान देने की आदत हो गई है। इसके साथ ही, हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या एक कलाकार के लिए समाज का समर्थन उनकी निष्ठा और मेहनत को समझता है, या फिर यह सिर्फ एक उत्सव और दिखावा है।

इस अज्ञात की दुनिया में, दर्शनम मोगिलैया की कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है। क्या वास्तव में कला और श्रम का महत्व हमें समझ में आता है? या हम बस संघर्षों और परिस्थितियों के बीच उनकी साहसिकता और साहस को नजरअंदाज करते हैं?

समय आ गया है कि हम सोचें, समझें और कदम उठाएं। क्योंकि इस अप्रत्याशित यात्रा में, केवल ज्ञान ही हमारा विश्वासपूर्वक नेतृत्व हो सकता है।

समय की यह रफ्तार, जो हमें सदैव आगे बढ़ने के लिए मजबूर करती है, कभी-कभी हमें वास्तविकता के संदर्भ में सोचने के लिए समय नहीं देती। और इस भागदौड़ भरी जिंदगी में, कभी-कभी हम कला और मजदूरी के महत्व को अनदेखा कर देते हैं।

दर्शनम मोगिलैया की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची कला और मेहनत को कभी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनकी तस्वीरें और वीडियो हमें यह याद दिलाते हैं कि कला का सम्मान करना महत्वपूर्ण है, चाहे वह किसी भी रूप में हो।

इसलिए, हमें दर्शनम मोगिलैया की यात्रा से कुछ सिखना चाहिए।

हमें उनकी साहसिकता और उनकी संघर्ष को समझने की आवश्यकता है, और हमें यह समझने की जरूरत है कि कला और मजदूरी का महत्व हमारी समाज में क्या है।

अतः, दर्शनम मोगिलैया की इस अनूठी कहानी को ध्यान से सुनिए और उनसे प्रेरणा लीजिए। उनके संघर्ष और साहस से हमें यह सिखने को मिलता है कि कला और मेहनत को हमेशा सम्मान और महत्व देना चाहिए। यही हमें एक समृद्ध और समाज में समर्थता की दिशा में आगे बढ़ा सकता है।

हमें यह भी समझना चाहिए कि समाज में स्थिति के आधार पर कला का सम्मान कितना किया जाता है। क्या हम सिर्फ उन कलाकारों को महत्व देते हैं जो पुरस्कार जीतते हैं या फिर हम उन कलाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी समझते हैं,

जो हर दिन अपनी मेहनत और कला के माध्यम से समाज को संवारते हैं?

दर्शनम मोगिलैया की यह कहानी हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम समाज में सच्चे मूल्यों को समझते हैं, या हम बस तारिक़ों और पुरस्कारों की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं।

उनकी इस अनोखी कहानी को सुनकर, हमें यह सिखने को मिलता है कि हर कलाकार की कहानी महत्वपूर्ण होती है, चाहे वह किसी पुरस्कार से सम्मानित हो या न हो। हमें समझना चाहिए कि कला का महत्व क्या है, और हमें उसे सम्मान और समर्थन देना चाहिए, चाहे वह कोई भी हो।

आखिरकार, दर्शनम मोगिलैया की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि कला और मेहनत को हमेशा सम्मान और महत्व देना चाहिए। यही हमें समृद्ध और समाज में समर्थता की दिशा में आगे बढ़ा सकता है, और यही हमें एक अधिक समझदार और संवेदनशील समाज की दिशा में ले जा सकता है।


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