मोर
मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है . यह अन्य पक्षियों से बहुत निराला और अनोखा पक्षी है . यह सबसे मन मोहक और आकर्षक पक्षी है . हमारे देश में यह बहुतायत से पाया जाता है .
मोर का आकार-
मोर का आकार- प्रकार साधारण पक्षियों से बड़ा होता है .इसकी पूँछ बहुत लम्बी होती है . इसकी पून्च्श रंग बिरंगे पंखों से भरी रहती है . पंखों के बीच में गोल – गोल आकृतियाँ होती है . जो चन्द्रमा के समान दिखाई पड़ती है . ये आकृतियाँ अनेक सुन्दर रंगों वाली होती है . पूँछ को छोड़कर मोर के शरीर की लम्बाई ४०-५० इंच और ऊँचाई पैर से सिर टक तीन – साढ़े तीन फुट होती है . इसका सिर छोटा और गोलाकार होता है .सिर के ऊपर एक बहुत सुन्दर कलगी होती है . मोर की चोंच छोटी होती है . इसकी गर्दन लम्बी होती है .इसके पैरों में पाँच – पाँच उंगलियाँ होती है . इसकी हर उँगली में तेज़ और लंबे नाख़ून होते हैं .मोर के पैर भद्दे होते है . इसके शरीर का रंग हलके हरे रंग का होता है .मोर अपनी पूँछ के लंबे पंखों को फैलाकर नाचता है .
मोर का प्राप्ति स्थान –
मोर भारत और श्रीलंका में विशेष रूप से पाए जाते हैं . ये जंगलों में रहना अधिक पसंद करते हैं .नदियों के किनारे के जंगलों में ये अधिक पाए जाते हैं . जलाशयों के पास रहना इन्हें अधिक पसंद है .आजकल जंगलों के अभाव में बागों और खेतों में भी रहने लगे हैं .
मोर का स्वभाव व खाद्य पदार्थ –
मोर मुख्य रूप से जंगली पक्षी है . बहुत कोशिश करने पर यह पालतू भी बन जाता है . यह बहुत शांत और सरल स्वभाव का पक्षी है . इसके उड़ने वाले पंख बहुत कमज़ोर होते हैं . बहुत आवश्यकता पड़ने पर यह थोड़ी दूर टक उड़ भी लेता है , किन्तु अधिक दूर टक नहीं . यह बहुत ऊँचाई तक नहीं उड़ सकता है .रात में यह पेड़ों पर रहता है .वर्षाकाल में यह बहुत प्रसन्न रहता है .वर्षा होने या बादलों को गरजने पर यह प्रसन्न हो जाता है . इस समय यह मोरनी के आस – पास अपने पंख फैलाकर नाचने लगता है . इसका नृत्य बहुत मन मोहक और आकर्षक होता है . मोर झुण्ड में रहना पसंद करता है .प्रायः आदमियों को देखकर यह डर कर भाग जाता है .
मोर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों है . आवश्यकतानुसार वह दोनों प्रकार के आहार ग्रहण करता है . मोर सांप का शत्रु है .यह सांप को मार कर खा जाता है . मोर कीड़े मकोड़े ,हरी सब्जियाँ ,अनाज के दाने आदि खाता है .
मोर की उपयोगिता –
मोर मनुष्य के लिए मनोरंजन के साधन हैं .बहुत से लोग इसकी सुन्दरता के कारण पालते हैं . मोर बगीचों ,मैदानों आदि में आराम से रहते हैं . साँप जैसे विषैले कीड़ों को खाकर यह मानव जाति की रक्षा करता हैं . मोर का नाच देखकर लोग मनोरंजन करते हैं . मोर के पंख से अनेक उपयोगी चीज़ें बनायीं जाति है . मोर की इन्ही विशेषताओं के कारण भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय पक्षी स्वीकार किया है . मोर का पौराणिक महत्व भी है .श्रीकृष्ण मोर मुकुट धारण करते हैं .मोर का इतना महत्व उसकी सुन्दरता मनमोहक रूप के कारण ही है .
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