ग्रीष्म ऋतु
रीष्म ऋतु Summer Season in Hindi गर्मी के मौसम – बसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है . प्राकृतिक दृष्टि से भारत में छ: ऋतुएं मानी जाती हैं – बसंत ,ग्रीष्म ,वर्षा , शरद ,हेमंत और शिशिर . हर ऋतु का समय दो महीने का होता है .बसंत के बाद ग्रीष्म ऋतु आती है . ग्रीष्म ऋतू का समय जेष्ठ और आषाढ़ मास माने जाते हैं .
ग्रीष्म ऋतु में प्राकृतिक अवस्था –
ग्रीष्म ऋतू में प्रकृति बसंत ऋतू और वर्षा ऋतू के विपरीत होती है .इस काल की प्रकृति बिलकुल नीरस और शुष्क होती हाई . सूर्य की गर्मी सीमा पार जाती है . धूप ऐसी मालूम होती है ,मानो आग की वर्षा हो रही है . धरती ,हवा ,जल सभी आग की भट्टी की भांति तपने लगते हुएँ . नदी नाले ,तालाबों और कुवों के जल सुख जाते हैं .चारों ओर वातावरण शुष्क ,नीरस और वीरान हो जाता है . लू के गर्म झोंकों से प्रकृति सूखने लगती हैं . मनुष्य ,पशु पक्षी सभी गर्मी से बेचैन हो जाते हैं . सभी प्राणी छाया की शरण के लिए छटपटाने लगते हैं . हमेशा प्यास लगी रहती हैं .गर्मी की दोपहर में बाहर निकलना कठिन होता हैं .इस ऋतू में आम ,जामुन ,कटहल ,तरबूज ,खीरा ,लीची आदि फल बहुतायत पाए जाते हैं .
ग्रीष्म ऋतु में जन – जीवन –
ग्रीष्म ऋतु के दिन बहुत कष्टकारक होते हैं .इस समय चिलचिलाती धूप और लू के कारण लोग बाहर नहीं निकलते हैं .बहुत जरुरी काम होने से ही लोग बाहर निकलते हैं .सुबह और शाम के समय धूप की कमी के कारण लोग अपने आवश्यक कार्यों को पूरा करने निकलते हैं . शहरों में लोग सुबह -शाप घास के मैदानों ,तालाबों और पार्कों में अपने दोस्तों या परिवार जन से साथ घूमने निकलते हैं .इस समय शारीर से पसीना निकलने के कारण लोग सूती कपडे पहनते हैं . काम करने पर थकावट जल्दी आ जाती हैं .गाँव के किसान भी किसी प्रकार अपने काम निबटाते हैं .गर्मी के दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं .लोगों के दिन काटना कठिन होता हैं.गर्मियों में स्कूल ,कॉलेज बंद रहते हैं .
ग्रीष्म ऋतु से लाभ हानि –
गर्मी के महीनों में हमारी काम करने की शक्ति कम हो जाती हैं . थोडा काम करने पर भी थकान महसूस होने लगती हैं . भोजन ज्यादा हो जाने पर बदहजमी होने की शिकायत हो जाती हैं .देश के कई हिस्सों में सुखा पड़ने के हालात हो जाते हैं .धूप की गर्मी से लू चलने लगती हैं .लू लगने से अनेक प्राणियों की मौत भी हो जाती हैं .
गर्मी से कुछ लाभ भी हैं .सूर्य की गर्मी से समुन्द्र व नदी तथा तालाब के जल सुख कर भाप बन जाते हैं जो की वर्षा करवाने में सहायक हैं .धूप से अनेक हानिकारक कीडे – मकोडे मर जाते हैं ,जिससे रोगों का खतरा कम हो जाता हैं .
निष्कर्ष –
इसी प्रकार गर्मी का मौसम कष्टदायक होने के साथ लाभप्रद भी हैं.गर्मी के मौसम में हमें सावधानी बरतनी चाहिए .धूप और लू से बचना चाहिए और मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए तथा स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए .