घड़ी खरीदने के लिए पिताजी को पत्र
१२५, विकासनगर,
नयी दिल्ली – ७५
आदरणीय पिता जी ,
सादर चरण स्पर्श ,
आशा है कि आप सकुशल होंगे।घर परिवार में आनंद होगा।मैं भी यहाँ प्रसन्नतापूर्वक हूँ।पिछले कुछ दिनों से मैं घड़ी का अभाव अनुभव कर रहा हूँ।मेरे पास दिवालघड़ी तो है जिसकी सहायता से घर की दिनचर्या ठीक चल रही है। परन्तु घर से बाहर परेशानी हो रही है।गत परीक्षा में घड़ी न कारण मैं पूरे उत्तर नहीं लिख सका। अतः मैं हाथ की घड़ी खरीदना चाहता हूँ।मेरे पास १०० रुपये जमा है।आपसे निवेदन है कि ५०० रुपये और भेज दें ताकि अच्छी घड़ी ख़रीद सकूँ।
शेष सब कुशल है।पढ़ाई ठीक चल रही है।ईश्वर की कृपा और आपके आशीर्वाद से विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करके दिखाऊँगा।
आपका आज्ञाकारी पुत्र
रजनीश सिंह
दिनाँक – ०८/०१/२०१८