समय का महत्व

समय का महत्व

जीवन नदी की धारा के समान है . जिस प्रकार नदी की धारा ऊँची नीची भूमि को निरंतर पार करती हुई आगे बढ़ती जाती है ,उसी प्रकार जीवन की धारा भी सुख -दुःख रूपी जीवन के अनेक संघर्षों को सहते -भोगते आगे

बढ़ती रहती है . “बहना जीवन है और ठहराव मौत”.
जीवन का उद्देश्य निरंतर आगे बढ़ते रहते से है ,इसी में सुख है ,आनंद है . आगे बढ़ने में जो सहायता करता है वह समय कहलाता है . जो भागते हुए समय को पकड़कर इसके साथ – साथ चल सकते हैं .वही व्यक्ति दुनिया में सफल होते हैं .
समय अमूल्य धन है . समय संसार में अमीर – गरीब ,ऊँच -नीच का भेदभाव नहीं रखता . इतिहास साक्षी है ,जिसने भी समय के महत्व को पहचाना और उसका सदुपयोग किया ,वह उन्नति की सीढियाँ चढ़ता चला गया . इसके विपरीत जिसने इसका तिरस्कार किया समय ने उसे बर्बाद कर दिया . वस्तुतः समय का सदुपयोग ही विकास और सफ़लता की कुंजी है .

विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व

विद्यार्थी जीवन काल में समय का सर्वाधिक महत्व है . समय का सदुपयोग करने वाला विद्यार्थी जीवन में एक सफल नागरिक बनता है . इसके विपरीत जो विद्यार्थी समय को बातों में या इधर -उधर घूमने फिरने में व्यर्थ करता है ,वह अंत में रोता और पछताता है ,क्योंकि अब वह चाहकर भी उस समय को वापस नहीं लौटा सकता .
ईश्वर एक बार में एक ही क्षण देता है तथा दूसरा क्षण देने से पूर्व पहले क्षण को ले लेता है .कबीरदास जी इस विषय को सच ही कहा है –

                                                     काल करे सो आज कर ,आज करे सो अब ..
                                                       पल में परलै होयगी ,बहुरि करेगौ कब ..

समय का सदुपयोग 

अंग्रेजों ने समय को अमूल्य धन कहा है . परन्तु समय धन से कहीं अधिक कीमती है ,इसीलिए वह अमूल्य है .धन आज है कल नष्ट हो जाएगा परसों फिर आ जाएगा लेकिन जो समय एक बार अतीत के गर्त में समा गया वह लाख यत्न करने पर भी वह लौटकर वापस नहीं आएगा .एक आम कहावत है जो समय को नष्ट करता है ,समय उसे नष्ट कर देता है .
समय ऐसा देवता है जो प्रसन्न होने पर सिकन्दर तथा नेपोलियन जैसा बना देता है और कुपित होने पर समूल नष्ट कर देता है .अतः समय के महत्व को पहचानकर इसे व्यर्थ की बातों में नहीं गँवाना चाहिए . इसका सदैव सदुपयोग किया जाना चाहिए .