स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस

पंद्रह अगस्त एवं छब्बीस जनवरी दो ऐसे राष्ट्रीय पर्व हैं जिन्हें सम्पूर्ण देश बड़े ही धूम – धाम से मनाता है . पंद्रह
अगस्त को हमें आजादी मिली थी . इसीलिए इसे स्वतंत्रता दिवस भी कहते हैं

वर्णन

स्वतंत्रता दिवस पूरे देश के लिए गौरव का दिवस है . इस दिवस को मनाने के लिए महीनों पहले आयोजन होने लगता है . दिल्ली में तो इस दिवस को मनाने के लिए पूरे देश से सैनिक जाते हैं . पूरे भारत में सभाएँ होती हैं . इस दिन सुबह से ही बड़े भवनों पर तिरंगे झंडे पहराने लगते हैं . प्रातः काल ही सड़कों पर प्रभात फेरियाँ होने लगती है ,भारत माता की जय से सम्पूर्ण देश गूँज उठता है . बड़े बड़े शहरों में सैनिक परेड होती हैं . देश की प्रत्येक राजनीतिक पार्टियाँ तरह – तरह के आयोजन करती हैं . इस अवसर पर देश भक्ति के गाने ,नाटक एवं प्रहसन किये जाते हैं . स्कूलों ,विद्यालयों एवं कॉलेजों में सभाएँ होती हैं . यह दिन प्रतिज्ञा का दिन है . हम सभी एक झंडे के नीचे देश की शान एवं समृधि के लिए आयोजन करते हैं . राष्ट्रपति का सन्देश रेडियो एवं टेलीवीजन द्वारा प्रसारित किया जाता है .

महत्व :

पंद्रह अगस्त देशवासियों के लिए बहुत ही महत्व का दिन है . इस दिन हम अंग्रेजों के अत्याचार एवं देश वासियों के अद्भुत त्याग को याद करते हैं . इसी दिन हम गांधी जी ,सुभाष बाबु ,भगत सिंह ,नेहरु जी , सरदार पटेल आदि का स्मरण करते हैं . यह वही दिन है जब एक झंडे के नीचे हम सब एक होकर देश की रक्षा की प्रतिज्ञा करते हैं . इसे मनाने से लोगों के अन्दर राष्ट्रीय प्रेम की भावना का विकास होता है . इस दिन को प्राप्त करने के लिए कितने घर जला दिए गए .कितने लोग फाँसी पर झूल गए . उन्हें भुलाना ठीक नहीं .

कमी :

१५ अगस्त १९४७ के बाद हम हर साल इस त्यौहार को मनाते हैं . हमलोग केवल भाषण एवं नारे देकर ही संतोष कर लेते हैं .

उपसंहार :

स्वतंत्रता हर व्यक्ति के लिए एक नयी प्रेरणा लेकर आती है . हमें स्वार्थ को छोड़कर देश की गरिमा बढ़ाने में लग जाना चाहिए . यह स्वतंत्रता बहुत बहुमूल्य है .अतः हमें इसकी रक्षा का प्रयास प्राण देकर भी करना चाहिए .