मेरी दिनचर्या

मेरी दिनचर्या

मैं एक विद्यार्थी हूँ और मेरी दिनचर्या कुछ लोगों को अनाकर्षक लग सकती है।किन्तु नहीं ,मेरा मानना है कि मेरा दैनिक जीवन आनंद ,घटनाओं और उत्तेजना से परिपूर्ण है।मैं जीवन की दहलीज़ पर हूँ और हर दिन मेरे लिए नए रोमांच का दिन होता है।मैं नयी – नयी चीज़ें सीखता हूँ ,नए नए अनुभव प्राप्त करता हूँ जो मेरे दैनिक जीवन को इतना रोचक बनाते हैं कि उस पर निबंध लिखा  जा सके।

दिन की शुरुआत –

मेरे दिन की शुरुआत मेरे परिवार के साथ होती है।मेरे माता -पिता अनेकों प्रीतिकर तरीकों से मेरे प्रति अपना प्यार जताने से कभी नहीं चूकते। मेरे टिफिन बॉक्स खाने के लिए नयी नयी चीज़ें ,रख ,मैंने अपना पसंदीदा खेल जो खेला हो उसके बारे में मुझसे जानकारी लेना ऐसे ही कुछ उदाहरा हैं जो सिद्ध करते हैं कि वे मेरा ख्याल रखते हैं। मेरे भाई तो हर रोज़ सुबह नाश्ते के समय नए नए चुटकुले सुनाता रहता है।

विद्यालय जाना

विद्यालय जाने की बस यात्रा नहीं काम मज़ेदार नहीं होती है।  हम अपने मित्रों को इतनी ख़ुशी के साथ अभिवादन करते हैं मानों हम बर्षों बाद एक दुसरे से मिल रहे हों जबकि सच्चाई यह होती कि पिछले दिन की शाम तक तो हम साथ रहे थे।  हमारे पास कहने सुनने के लिए इतनी बातें होती हैं कि समय हमेशा ही काम पड़ जाता है। ज्योंही हम स्कूल के दरवाज़े से अंदर प्रवेश करते हैं ,घंटी बज उठती है और कक्षाएँ शुरू हो जाती है।

विद्यालय की कक्षाएँ –

सुबह के सत्र में सबसे पहले गणित की कक्षा होती है ,उसके बाद अंग्रेजी और विज्ञान की कक्षाएँ होती है।बातें करने के लिए बहुत काम समय होता है क्योंकि कई प्रश्नों पाठों ,निबंधों और प्रयोगों को पूरा करना पड़ता होता है।  जब ब्रेक की घंटी बजती है तो हम राहत की साँस लेते हैं। हम यह कामना करते हुए पुनः अपनी अपनी कक्षाओं में लौटते हैं कि काश ! ब्रेक का समय कुछ और ज्यादा रहता।
दोपहर के बाद की कक्षाएँ आनंददायी होती हैं। दिन के अंत में खेलों का पीरियड होता है जिसकी हम आतुरता से प्रतीक्षा करते हैं।  इसमें अक्सर शारीरिक व्यायाम और प्रशिक्षण पर जोर रहता है किन्तु यदि शारीरिक प्रशिक्षक अच्छे मूड में हो तो वे हमें फूटबाल मैच खेलने की अनुमति दे देते हैं।

क्रिकेट खेलना –

मेरे दिन का सबसे महत्वपूर्ण समय शाम का होता है जब मैं अपने दोस्त के साथ क्रिकेट खेलने के लिए पड़ोस के मैदान में जाता हूँ।  मैं इससे कभी नहीं चूकता चाहे भले ही अगले दिन मेरी परीक्षा हो।  मैं टीबी देखना छोड़ सकता हूँ किन्तु क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ सकता हूँ।

होमवर्क पूरा करना –

दिन का अंत पढ़ाई से होता है।पढ़ाई से बचने का कोई मार्ग नहीं है क्योंकि होमवर्क पूरा न करने का अर्थ है अगले दिन दंड मिलना।  ऐसा नहीं है कि मुझे पढ़ाई में आनंद नहीं आता है।  मैं अपने पाठ तैयार करने में भी आनंद का अनुभव करता हूँ।
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