सकारात्मक सोच

सकारात्मक सोच

जीवन जीना आसान नहीं है यदि जीवन जीना आसान बनाना है तो सकारात्मक विचारों को अपने मन मस्तिष्क में रखना चाहिये जो इस तरह के विचारों से ओतप्रोत रहता है | वह सदैव आगे बढ़ता जाता है और अपनी मंजिल को तलाश लेता है और एक ऐसा इतिहास लिखता है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है | गलत चीजें नहीं सोचनी चाहिये, जब व्यक्ति गलत विचारों को लेकर आगे बढ़ने का प्रयत्न करता है तो उसके अंदर नकारात्मकता की भावना का उदगार होता है तब जिन्दगी नासूर बन जाती है | नकारात्मकता से जिन्दगी के हालात सहीं नहीं होते हैं, हमें सकारात्मक विचारों को उच्च स्थान देना चाहिये तभी एक सौन्दर्य रूपी जीवन की कल्पना की जा सकती है और ऐसा जीवन दूसरों के लिये लाभकारी भी होता है |

कोई भी कार्य यदि करने की भावना जन्म लेती है तो पहले पहल उस कार्य की प्रवृति देखिये व समझिये कि क्या-क्या चीजें हैं और उन चीजों का पहले अध्ययन करिये फिर उस कार्य को करते हैं तो सकारात्मकता स्वमेव बन जाती है और बिना सोंचे समझे या किसी कार्य की प्रवृति जाने ही यदि उसमें कूदते हैं तो वहाँ नकारात्मकता के सिवा कुछ नहीं मिलेगा | हमें सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहिये, यह जबर्दस्ती नहीं आती है कि हम सकारात्मक सोंच रहें हैं और फिर कामयाब क्यों नहीं हो रहे हैं | कामयाब होने के लिये सकारात्मक सोंचने भर से नहीं होता है बल्कि कार्यों के प्रति निराश न होने वालों भावों को सदैव जन्म देते रहिये और जो कार्य ठानें हैं | उसमें भिड़े रहिये फिर देखिये सकारात्मकता कहाँ तक ले जाती है | वास्तव में आप मंजिल के बहुत करीब बहुत जल्द पहुँच जायेंगें |

        कुछ लोग निराशा भरा जीवन जीते रहते हैं | रोना रोतें हैं, हमारा तो भाग्य ही फूट गया है | कुछ लोग कहते हैं कि हमारा कोई साथ नहीं दिया | कुछ तो जीवन को आलसी बना लेते हैं | कुछ तो कहते हैं कि हमारे पास संसाधन ही नहीं है | तरह-तरह की बातें करने वाले ये नकारात्मक सोचते रहते हैं और दूसरे के लिये भी वही माहौल बनाते हैं, जो आगे का भविष्य खराब करते हैं | कुछ तो कहते हैं कि उसने तो कुछ नहीं किया, हम क्यों करें, यह काम मैं करने चल रहा हूँ लोग क्या कहेंगें, यह काम सहीं नहीं है | यह काम छोटा है, ऐसा सोंचते रहते हैं | छोटा काम कर ही नहीं पा रहे हैं तो बड़ा काम कहाँ से करेंगें | हिम्मत ऐसे लोगों की कमजोर हो जाती है जो इस तरह के मनोभावों से भरे होते हैं | सच में इस तरह की बातें करने वाला ऐसे ही चला जाता है जिसका कोई महत्व नहीं है | सकारात्मक विचार, सकारात्मक सोंच से होता है |
       हमें जीवन को नया बनाना है तो नई सोंच के साथ मैदान में आना ही पड़ेगा, तभी जीवन के वास्तविक रंगों का आनन्द लिया जा सकता है | इसके लिये सकारात्मक भावों को बनाना पड़ेगा ताकि सुंदर विचारों के साथ विकास के नये रास्ते तलाशे जा सके | इस संसार का कोई भी काम हुआ है वह बड़ी सोंच के कारण ही हुआ है | सकारात्मक भावों से छोटा सा छोटा व्यक्ति भी इतिहास रचता है | वह जब इतिहास रचने लगता है तो लोग यह सोंचते हैं | अरे, यही जिसके बारें हम सोंचते थे कि यह कुछ नहीं कर पायेगा लेकिन इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लिया | यह कैसे संभव हुआ…यह सकारात्मक सोंच के कारण ही संभव हुआ है, तो दोश्तों सफल जिन्दगी जीने के लिये सकारात्मकता का विशेष महत्व होता है |
                                                                                                                                                                                  लेखक
                                                                                                                                                                     

                                                                                                                                                                    जयचन्द प्रजापति ‘कक्कू’
                                                                                                                                                             जैतापुर,सियाडीह,हंडिया,इलाहाबाद
                                                                                                                                                                          मो.7054868439